एक तमना माँ है मेरी दिल में वसा लू सूरत तेरी,
हर पल उसी को निहारा करू मैया,
मैया मैया मुख से उचारा करू,
रोज सवेरे उठ कर मैया तुझको शीश निभाउ मैं,
प्रेम भाव से भांति भांति का नित शृंगार सजाउ मैं,
हाथो से आरती उतारा करू,
मैया मैया मुख से उचारा करू
इस तन से जो काम करू मैं सब कुछ तुझको अर्पित हो,
खाऊ जो प्रशाद हो तेरा पियो वो चरणामित हो,
हर पल ही दर्शन तुम्हारा करू,
मैया मैया मुख से उचारा करू,
बिनु की विनती माँ तुमसे इतनी किरपा कर देना,
चरणों की सेवा मिल जाये इस से बढ़ कर क्या लेना,
असनुवां से इनको पखारा करू,
मैया मैया मुख से उचारा करू,