अपने प्रेमी पे मेरा श्याम नजर रखता है,
संवारा सेठ यहाँ सबकी खबर रखता है,
जिसने यहाँ मान किया जो भी मगरू यहाँ रहता है,
बोल अभी मान भरे दम से कहता है,
श्याम उसका गरूर पल में मिटा देता है,
संवारा सेठ यहाँ सबकी खबर रखता है,
जिसने यहाँ पाप किया जो भी दुष्कर्म करता है,
घर परिवार में दुनिया में ज़हर भर ता है,
श्याम का मुखये केहर उस पे गिरा करता है,
संवारा सेठ यहाँ सबकी खबर रखता है,
जिसने दान धर्म किया जो भी उपकार यह करता है,
सत्कर्मो में सदा ध्यान दिया करता है,
कहे निर्मल के श्याम उसपे मेहर करता है,
संवारा सेठ यहाँ सबकी खबर रखता है,