कैसे करूँ शुक्रिया इतना दिया है दाता,
झोली में ना समाता किरपा पे तेरी जिया,
कैसे करूँ शुक्रिया......
मेरी राहो में थे जितने कांटे तूने उन्हें फूल बनाया,
गम के अंगारे बरस रहे थे तूने करि शीतल छाया,
गिरने दिया ना तूने मुझको संभाला तूने,
आकर थाम लिया शुक्रिया,
कैसे करूँ शुक्रिया....
सारी दुनिया ने ठुकराया तूने मुझे चरणों से लगाया,
डूबने ना पायी जीवन नैया तूने मुझे पार लगाया,
करी नही पल की देरी बिगड़ी बनाई मेरी,
ऐसा उपकार किया शुक्रिया,
कैसे करूँ शुक्रिया......
ओ मेरे बांके बिहारी नज़र कृपा की ऐसी करदी,
दूर हुई सब विपदा मेरी खुशियो से झोली भरदी,
चित्र विचित्र को अपना बनाकर तूने,
इतना प्यार दिया, शुक्रिया,
कैसे करूँ शुक्रिया....