सपनो मैं तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू है,
सांसो एम् तू धरकन में तू रग रग में तू है समाया,
कान्हा मेरे कान्हा आजा अब तो आजा,
फेरता हु नजरे जिधर तू ही तू आये नजर,
छोड़ तुझको सँवारे बोलो मैं जाऊ किधर,
फूलो में कलियों में चारो तरफ तेरी माया,
सपनो मैं तू अपनों में तू
चाहे धरती हो आस्मां सबमे तेरा ही वास है,
हारे का सहारा है तू मेरा ये विश्वाश है,
तू ही मेरा मैं हु तेरा सब में है तेरी ही छाया,
सपनो में तू अपनों में तू ......
श्याम कहे जब गाउ मैं बांसुरी बजाता है तू,
प्यारी प्यारी धुन पे तेरी सबको नचाता है तू,
देखा मैंने सारा जहां इस दिल को बस तू ही बाया,
सपनो मैं तू अपनों में तू