तरज-:हे लाडली सुध लिजे हमारी
बृज में बसालो श्यामा जू प्यारी,
आयें हैं अब तो शरण तिहारी....
कोई नहीं है दुनिया में मेरा,
अब तो किशोरी सहारा तेरा,
इतनीं अर्ज़ी सुन लो हमारी,
आयें हैं अब तो शरण तिहारी,
बृज में बसालो श्यामा जू प्यारी....
तेरे भरोसे है मेरी नईया डुबती,
नईया की हो तुम खिवईया,
पार लगाओ मर्जी तुम्हारीं,
आयें हैं अब तो शरण तिहारी,
बृज में बसालो श्यामा जू प्यारी....
पागल भी है चरणों का पुजारी,
इस दर पे आती है दुनिया सारी,
धसका की सुनलो करूण पुकारी,
आयें हैं अब तो शरण तिहारी,
बृज में बसालो श्यामा जू प्यारी....