एक दीवाना एक दीवाना आया तेरे दर पे तेरे,
अरे सांवरे सलोने कृष्ण कन्हियाँ दर्श दिखा दो मुझे बंसी बजाइयाँ,
एक दीवाना एक दीवाना आया तेरे दर पे तेरे,
पता तेरा मैं पुछु शहर की गलियों में,
नाम बदल कर बैठा है तू खाटू में,
मिल गए मुझको सोहन लाल लुहाकर जी,
पता दिया तू रहता गाँव खाटू में,
अरे सांवरे सलोने कृष्ण कन्हियाँ,
दर्श दिखा दो मुझे बंसी बजाइयाँ...
भेजी चिठ्ठी पत्र न सन्देश आया,
यही सोच के मेरा मन तो गबराया,
ध्वजा हाथ में लेकर फिर लखा आया
पकड़ा मेरा हाथ खाटू पोहचाया,
अरे सांवरे सलोने कृष्ण कन्हियाँ,
दर्श दिखा दो मुझे बंसी बजाइयाँ...
बनके भिखारी भटकु सुबहो शाम से,
सजन मिलाये कोई मुझको श्याम से,
सुन ली करूँ पुकार मिल गये नंदू जी,
अब कह दे दिल की बात दीपा श्याम से,
ओ सांवरे सलोने कृष्ण कन्हियाँ दरस दिखा दो बंसी बजैया,
अरे सांवरे सलोने कृष्ण कन्हियाँ,
दर्श दिखा दो मुझे बंसी बजाइयाँ...