आया तेरे धाम बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम बाबा खा के धक्के,
नाच रहा था बन कठपुलती इस ऊँगली तो कभी उस ऊँगली,
भटका हिन्दुस्तान बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम ...
भाँती भाँती के झंडे उठाये इसको चढ़ाये उसको चढ़ाये,
आखिर थामन श्याम बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम ...
उमीदो का लेके झोला दर दर घुमा सबको टटोला,
हुआ बड़ा परेशान बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम ...
जो ग्यारस खाटू में बिता ले किस्मत होती श्याम हवाले,
मिला पवन को ज्ञान बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम ...