दर्शन को तरस ते है दो नैना ये बनवारे,
मेरे श्याम चले आओ,
कही चैन नहीं तुम बिन मुझको मेरे सांवरे
मेरी प्यास भुजा जाओ मेरे श्याम चले आओ,
क्यों भूल गए हो तुम मुझे चरणों से लगा के,
क्यों छुप गए हो तुम मुझसे दीवाना बना के,
निष्ठुर ना बनाओ इतने मोहन मेरे वास्ते,
मुझे धीर बंधा जाओ मेरे श्याम चले आओ
मेरे श्याम चले आओ
पल पल मुझे तन्हाई के तड़पाने लगे है,
आशाओ के फूल भी जे मुरझने लगे है ,
ऐसे में दया करके भगवन मेरे दौड़ के,
मेरे पास चले आओ,
दर्शन को तरस ते ...
एह श्याम सलोने तुम को तो आना ही पड़े गा,
साजिद पे तरस तुम्हे खाना ही पड़े गा,
रख भी लो बरम मेरा अब तो मेरे सांवरे,
मुझे और न तरसाओ मेरे श्याम चले आओ.
दर्शन को तरस ते ....