फागण का महीना है,
खाटू मन्ने जाना है,
जाकर खाटू नगरी में,
श्याम को रंग लगाना है....
खाटू में फागण का,
मेला है लगता,
मेले में भक्तों का,
रेला उमड़ता,
बाबा का दरबार सज जाता है,
फागन का महीना है,
खाटू मन्ने जाना है,
जाकर खाटू नगरी में,
श्याम को रंग लगाना है....
रंगों की बौछार,
हो वहाँ पर,
खुशियों की सौगात,
मिलती है जाकर,
साँवरे के रंग में रंग जाना है,
फागन का महीना है,
खाटू मन्ने जाना है,
जाकर खाटू नगरी में,
श्याम को रंग लगाना है....
हार के जो भी,
इसके दर आते,
हर कष्ट पल में,
उसके टल जाते,
जीवन यहाँ पर संवर जाता है,
फागन का महीना है,
खाटू मन्ने जाना है,
जाकर खाटू नगरी में,
श्याम को रंग लगाना है....
होली में बाबा को,
रंग लगाएं,
दरबार में इनके,
नाचें गाएं,
चरणों से जाके लग जाना है,
फागन का महीना है,
खाटू मन्ने जाना है,
जाकर खाटू नगरी में,
श्याम को रंग लगाना है....