बाबा की ही किरपा से चल जाता गुजरा है,
हम श्याम प्रेमी है सोभाग्ये हमारा है,
बाबा की ही किरपा से चल जाता गुजरा है,
बाबा का दिया खाते बाबा के ही गुण गाते,
बाबा के दम पे हम तूफानों से लढ़ जाते,
करते है बस उतना जो श्याम इशारा है,
हम श्याम प्रेमी है सोभाग्ये हमारा है,
बिन बोले सुन लेता ये भाव सभी मन के,
चुटकी में हर लेता दुःख दर्द ये जीवन के,
आवाज लगाने से पहले ही पधारा है,
हम श्याम प्रेमी है सोभाग्ये हमारा है,
बाबा की चाकरी ही करना है धर्म मेरा,
तेरे दर की सेवा मिली हुआ जनम सफल मेरा,
खाटू के आगे फीका हर नजारा है,
हम श्याम प्रेमी है सोभाग्ये हमारा है,
मैं किसी और का भला क्यों खुद पे लू एहसान,
मोहित होगा बाबा तो होगा मेरा भी नाम,
जीवन हो भवर अगर तो बाबा ही किनारा है,
हम श्याम प्रेमी है सोभाग्ये हमारा है,