दाता दर्श को तेरे मेरी आंख तरस ती है,
गम अंसियो की धारा प्रकाश बरसती है,
सागर में आ रहे है तूफ़ान तो हजारो,
हे देव पार करना मेरी छोटी सी कश्ती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी आंख तरस ती है,
तेरे दायरे में हम तो रहने दे मेरे बाबा,
तेरे दायरे के बाहर इक आग बरसती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी आंख तरस ती है,
आना जरूर आना करके कोई बहाना,
तेरे चाहने वालो की कितनी बड़ी बस्ती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी आंख तरस ती है,
भारत तो इनता जाने जो है तेरे दीवाने,
सब के घरो में ज्योति तेरे नाम की जग ती है,
दाता दर्श को तेरे मेरी आंख तरस ती है,