मन्ने जाबान दे भरतार भुलावे बाबो श्याम धनी,
माहरे मन में उठे उबार भुलावे बाबो श्याम धनी,
घना दिना से चा लाग रहा मैं भी खाटू जाऊ,
पचरंगो निशान श्याम को थारी साथ चड़ाउ.
बाबो कर सी बेडा पार भुलावे बाबो श्याम धनी,
रंग रंगीला भक्त श्याम का हो रही भीड़ गनेहरी,
ाडोसन पडोसन जा रही सखिया जा रही मेरी,
कर सब सोला शृंगार भुलावे महारो श्याम धनि,
श्याम कुंड को निर्मल पानी दोनों सागे नहावा,
दर्शन करके श्याम धनि का जीवन सफल बनावा,
थारी माहरी सुन सी पुकार भुलावे बाबो श्याम धनी,