हर ग्यारस को सांवरियां होती है मुलाकात,
अपने भगतो से सदा करता है तू बात,
पहली बार जो खाटू आकर तुमसे नैन मिलाता है,
दिल की बाजी हार के वो तो तेरा ही हो जाता है,
मेरे साथ भी यही हुआ था तूने पकड़ा मेरा हाथ,
अपने भगतो से सदा करता है तू बात,
जीत सदा होती भगतो की हार का कोई काम नही,
इसी लिए तो दुनिया कहती खाटू जैसा धाम नही,
याहा हर पल होती रहती अमृत की बरसात,
अपने भगतो से सदा करता है तू बात,
यहाँ भी देखू चर्चा तेरी तेरे प्रेमी ढोल रहे,
मिल ते है गल बहिया डाले जय श्री श्याम ही बोल रहे ,
तेरी किरपा से चोखानी के संबल गये हालात,
अपने भगतो से सदा करता है तू बात,