तेरे हवाले करदी मैंने अपनी जीवन हस्ती,
पिला दे सांवरिया अपने नाम की मस्ती,
मैं तेरे चरणों में आया मन में लेकर आशा,
जी भर मुझे पीला दे बाबा ना जाऊ मैं प्यासा,
दाम की मुझको फ़िक्र नहीं महंगी हो या सस्ती,
पिला दे सांवरिया अपने नाम की मस्ती
हमने सुन रखे है मखाने के डंग निराले,
श्याम बहादुर अल्लू सिंह पी कर हो गए मतवाले,
मिला मुझे तू मये ऐसी पार लगे गई कश्ती,
पिला दे सांवरिया अपने नाम की मस्ती
ये ही है अरदास दास की तीन बाण के धरी,
ऐसी मुझे पिलाना उतरे पूरी उम्र खुमारी,
बिना पिया न जाए वनवरा मिट जाये चाहे हस्ती,
पिला दे सांवरिया अपने नाम की मस्ती