ये धरती झूम रही ये अम्बर नाच रहा,
मेरे भोले बाबा का डमरू बाज रहा
भोले के इशारे पर सारी श्रिष्टि चलती,
किस्मत वालो को ही किरपा इसकी मिलती,
के दर पे देखो जरा के मेला लाग रहा,
मेरे भोले बाबा का डमरू बाज रहा
हर हर गंगे बोले हर बम बम बोले
मन मंदिर में वस्ता मन की खिड़की खोलो,
दिल में विराज रहा हो सोना सोना लाग रहा,
मेरे भोले बाबा का डमरू बाज रहा
सावन के महीने की मस्ती ही निराली है,
श्याम कहता सबको ही ये नचाने वाली है,
हर कोई झूम रहा हर कोई नाच रहा,
मेरे भोले बाबा का डमरू बाज रहा