महाकाल की हर इक गली गली,
दुल्हन की तरह से सजती है,
और बाबा के दरबार में महफ़िल,
भक्त जनो की लगती है.....
ए दुनियावालो आओ, उज्जैन की नगरी में,
खुशियों की लहर दौड़ी, हर इक गली गली में,
और झूम झूम के सब, ये कहते है मस्ती में,
दूल्हा बने है बाबा, उज्जैन की नगरी में....
दीवानो आओ देखो, क्या धूम मच रही है,
बाबा की आज शादी, इस तरह रच रही हैं,
और देखो इस ख़ुशी में, शहनाई बज रही है,
दूल्हा बने है बाबा, उज्जैन की नगरी में....
वो देखो देवी देवता, स्वर्ग से आ रहे है,
स्वर्ग से फूल लाकर, सेहरा सजा रहे है,
भूतो की टोली लेके, बारात ला रहे है,
दूल्हा बने है बाबा, उज्जैन की नगरी में....
क्या खूब जच रही है, शिव गौरा की ये जोड़ी,
गौरा की आस अधूरी, हो गयी है आज पूरी,
खुश होके देखो नंदी, ये कहते है मस्ती में,
दूल्हा बने है बाबा, उज्जैन की नगरी में…