अज रल मिल शगन मनाइये,
गीत गुरु जी दे गाइये,
जिसने सारी खुशियां दितियाँ उसनु कदी न भुलाइये,
अज रल मिल शगन मनाइये,
सजाया सजाया मेरा घर सजाया गुरु जी मेरे घर आये,
खुशिया झोली दे विच पाइया मेरे भाग जगाये,
तेरे वरगा ना होर कोई होना फ़कीर,
जेहड़ी हाथ विच नहीं सी ओ खींच दिति लकीर,
जिहने मनया फिर तनु उसदी बदल दिति तकदीर,
अज रल मिल शगन मनाइये...
साजिया साजिया मेरा घर साजिया गुरु जी मेरे घर आये,
खुशियां झोली दे विच पाइयाँ मेरे भाग जगाये,
मेरे गुरु जी तू है सब तो दया तेरे रूप दा है कुछ ऐसा जलाल,
जिहने किती तेरी सेवा तू दिखा दिता कमाल,
अज रल मिल शगन मनाइये,