हंस पे सवार होके, आवो मेरी मईया ॥
विनती करूँ मैं हाथ जोड़ हो,
वीणा बाली मईया विद्या का दान दो,
कर दो सभा में बेड़ापार हो,
सुरों की रचयता मां, ज्ञान की तू देवी ॥
सारा जग सुमिरे तोहे, हे महादेवी ॥
कंठ ना तुम्हारे बिना, गावे कोई गितवा ॥
करो अब ना कोई विचार हो,
बीणा वाली मईया........
भक्ति और भाव से मां, तुमको मनावऊँ ॥
मुख से गवाईके मां हमको बढ़ावो ॥
सुर ताल ज्ञान देके गले में समावो ॥
गावे तेरा जो भारत गीत हो
बीणा वाली मईया......
सिंगर भरत कुमार