मेरे घर के देवता मेरे भगवान है,
मेरे भगवान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।
मैं रोज सुबह उठकर,
उन्ही का नाम सुमिरता हूँ,
पितरों के चरणों मैं,
सदा प्रणाम करता हूँ,
पितरों की पूजा मैं धरूँ नित ध्यान है,
धरूँ नित ध्यान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।
उनको ही नमन करके,
सदा मैं घर से निकलता हूँ,
हर काम सफल होते,
तभी विश्वास मैं करता हूँ,
मेरे मन में उनका बड़ा सम्मान है,
बड़ा सम्मान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं।।
मैं जो कुछ भी हूँ आज,
ये पितरों की ही किर्पा है,
कहता है ‘रवि’ मुझको,
उन्होंने सदा संभाला है,
मेरे मुख में रहता है उनका गुणगान है,
उनका गुणगान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है,
मेरे घर के देवता मेरे भगवान हैं,
मेरे भगवान है,
वही मेरी जिंदगी है वही मेरे प्राण है.......