माँ मेरी माँ मेरी माँ,
मुझे भवन पे भुला सेवा तेरी करता रहु मुझे सेवादार बना,
माँ मेरी माँ मेरी माँ,
सेवा में जीवन ये बिताऊ,
हर पल माँ तेरा ध्यान लगाऊ,
शाम सवेरे चरण दबाऊ सोया भाग जगा,
माँ मेरी माँ मेरी माँ,
माँ मैंने मन में है सोचा,
करता रहु तेरा झाड़ू पोचा,
फूलो से तेरा भवन सजाउ तू मेरा भवन सजा,
माँ मेरी माँ मेरी माँ,
राणा है तेरे दर का भिखारी,
बन के खड़ा तेरे दर पे पुजारी,
जपता रहु तेरे नाम की माला तू मन में वस जा,
माँ मेरी माँ मेरी माँ,