तू साई साई बोल रे नाम अनमोल रे,
ये ज़िंदगी सवार ले लगे न कुछ मोल रे,
तू साई साई बोल रे....
समय का पंक्षी तेरे हाथो से उड़ जाये गा,
साई का नाम तू रट ले जीवन तर जायेगा,
तू फिर पश्ताये गा समज नहीं पाए गा,
अभी से तू सवार ले,ये जीवन अनमोल रे,
तू साई साई बोल रे....
तू प्यारा बन साई का नजारा फिर देख ले,
साई के श्री चरणों में ये जीवन सौंप दे,
भटक न छोड़ दे साई का नाम ले,
धुनि ये साई नाम की जो देती आँख खोल रे,
तू साई साई बोल रे
ये शिरडी के मालिक है इन्हे तू पहचान ले,
ना बन नादान तू प्यारे साई को मान ले,
ये रेहमत के भंडार ये जग के तारण हार,
रही साई नाम की तू भी तो जय जय बोल रे,
तू साई साई बोल रे