किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला,
जाकी जैसी भक्ति बाबा वैसा ही रंग डाला,
रंग डाला साईं ने रंग डाला,
तेरे कितने रूप है देवा जिसने की जैसी तेरी सेवा,
कोई जल और फूल चड़ता कोई चड़ाए मिश्री मेवा,
किसी का राम किसी का श्याम ......
कही विराजे तू सोने पर कही साईं बेठा पत्थर पर,
जानकि जैसी कुटियाँ बाबा वैसा ही पग ढाला,
किसी का राम किसी का श्याम........