मैं तो मस्ती में मस्त मलंग हो गया,
ऐसा साईं जी का मुझपे रंग हो गया,
मेरे जीने का मस्त बड़ा ढंग हो गया,
ऐसा साईं जी का मुझपे रंग हो गया,
मस्ती मिली है तबियत खिली है,
साईं के दर मेरी खूब चली है,
मैंने जब जब कहा साईं संग हो गया,
ऐसा साईं जी का मुझपे रंग हो गया,
ढोलक बाजो बाजो आज ताशे मस्ती में मस्त मलंगा ये नाचे,
आज उचे गगन की पतंग हो गया,
ऐसा साईं जी का.......
रोको न कोई कोई न बोलो जय साईं बस जय साईं की बोलो,
बड़ा मस्त साईं का सत्संग हो गया,
ऐसा साईं जी का.......