साई साई पुकारे मैं गलियों में,
कभी फूलो में धुंडु कभी कलियों में,
साई साई पुकारे मैं गलियों में,
करदो मुझपे कर्म बात बन जायगी,
फूटी किस्मत ये मेरी सबर जाएगी,
तुम हो सब से वली सारे वलियो में,
साई साई पुकारे मैं गलियों में,
ऐसा रूठा मेरा साई कहा ना माने,
मेरे दिल मेरी जान की कदर न जाने,
मैं भी बन गया सवाली सब सवालियो में,
साई साई पुकारे मैं गलियों में,
मेरी बिगड़ी बना दो राह फूलो से सजा दो,
गाउ तेरा भजन तान ऐसी बना दो,
रस गोल दो धनजये की बोलियों में.
साई साई पुकारे मैं गलियों में,