आज गोकुल की गलियों में घूमे योगी मत वाला,
अलख निरंजन खड़ा पुकारे यशोदा का लाला,
काली कमली वाला कन्हैया गोकुल का ग्वाला,
सब सखियों को नाच नाचवे श्याम मुरली वाला,
छमा छम राधा नाचे छमा छम गोपियाँ नाचे,
संग में गिरधर नाचे धरती और अम्बर नाचे,
काली कमली वाला कन्हैया गोकुल का ग्वाला
जब कान्हा की मुरली बाजे पतजड़ सावन लागे,
मोर मुकट सिर मुरली वाला मोहन प्यारा लागे,
काले मोटे नैनो वालो ने जादू कर डाला,
सब सखियों को नाच नचावै श्याम मुरली वाला,
छमा छम राधा नाचे छमा छम गोपियाँ नाचे,
बांकी सूरत तिर्शी निगाहें संवरी सूरत इसकी,
सब के मन को मोह ले ऐसी मुरली की धुन इसकी,
ता ता थाइयाँ नाच नाचवे यशोदा का लाला,
सब सखियों को नाच नाचवे श्याम मुरली वाला,
छमा छम राधा नाचे छमा छम गोपियाँ नाचे,
राधा मीरा शबरी बन गई राम कृष्ण की दीवानी,
इक तारा खड़ताल बजा कर श्याम की महिमा गानी,
पग में घुंघरू छम छम बाजे जप्ती है माला,
सब सखियों को नाच नाचवे श्याम मुरली वाला,
छमा छम राधा नाचे छमा छम गोपियाँ नाचे,