फर्याद लौट आई मेरी आसमा पे जा के,
क्या मिला तुझे बता दे इस दास को रुला के,
फर्याद लौट आई मेरी आसमा पे जा के,
मैं रोया ज़िंदगी भर फिर भी न बदली किस्मत,
माँगा था इक सहारा बक्शी है तूने जिलत,
तू बैठा मुस्कुराये मेरा ये दिल जला के,
फर्याद लौट आई मेरी आसमा पे जा के,
लगता है डोर जग की तेरे हाथ में नहीं है,
दातार जैसे तुझमे कोई बात ही नहीं है,
देदे मुझे मेरा हक़ बैठा है क्यों दबा के,
फर्याद लौट आई मेरी आसमा पे जा के....
अब तक मिला है किसको जो मुझे भी अब मिले गा,
बैठा है कब से छुप के कब तक यही छुपे गा,
आराम लूट ता है दीनो का दिल जला के,
फर्याद लौट आई मेरी आसमा पे जा के,
अब उठ गया भरोसा जो किया था मैंने तुजपे,
गम राम सिंह कितने बाकि पड़े गए सहने,
हैरान खुद विदायता किस्मत मेरी बना कर,
फर्याद लौट आई मेरी आसमा पे जा के,