बरसाए श्याम खुशियो की जड़ी,
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी,
करती है भगतो पे मेहर बड़ी जब जब घूमे थारी मोर छड़ी,
यु ही नहीं इसकी दुनिया दीवानी कुछ न कुछ है इसकी कहानी,
सब की नजरो में सँवारे चढ़ी,
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी,
बरसाए श्याम खुशियो की जड़ी,
हर काम भग्तो का पल में बना दे,
भगतो के कष्टों को पल में मिटा दे,
दूर करे विपदा बड़ी से बड़ी,
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी,
बरसाए श्याम खुशियो की जड़ी,
मोरछड़ी तेरी श्याम सबसे निराली,
जिसपे मेहर करे उसकी दिवाली,
शर्मा की खाली झोली पल में भरी,
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी,
बरसाए श्याम खुशियो की जड़ी,