सुन लो श्याम कन्हाई दीवानी तेरे दर पे है आई,
दर पे है आई कान्हा दर पे है आई,
कर लो मेरी भी सुनाई दीवानी तेरी दर पे है आई,
मैंने सुनी है तेरी जग में बड़ाई,
करते हो तुम कान्हा सबकी सहाई,
मैंने भी अर्ज लगाई दीवानी तेरी दर पे है आई,
मैं नहीं जानू कान्हा जप तप पूजा,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं दूजा,
तुमसे ही मैंने लो लगाई दीवानी तेरे दर पे है आई,
मैं नहीं कान्हा तेरी कर्मा बाई,
ना ही मीरा जैसी प्रीत रचाई,
कहते रवि छवि बाई दीवानी तेरे दर पे है आई,