भोले नाथ से निराला, गौरीनाथ से निराला, कोई और नहीं |
ऐसा बिगड़ी बनाने वाला, कोई और नहीं ||
उन का डमरू डम डम बोले, अगम निगम के भेद खोले |
ऐसा भक्तो का रखवाला कोई और नहीं ||
काया जब जब करवट बदले, पाप चमकते अगले पिछले |
ऐसा जोत जगाने वाला कोई और नहीं ||
तुमने जग का कष्ट मिटाया, मुझ को स्वामी क्यों बिसराया |
अब तो मुझे बचाने वाला कोई और नहीं ||