इक जोगी आया शिर्डी में जो राम का नाम उचारे,
दसमे द्वार की राह दिखा के भेद मिटाए सबके,
कंधे पे लेके झोला चलता फ़कीर फिरे है,
रूप अनोखा रूहानी तस्वीर,
कहे राम राम वो मुस्लिम को,
हिन्दू को गान सुनाये,
मुक्ति द्वार की राह दिखा कर भेद मिटाए सबके,
घर घर जाके मांगे खैर सारे जग की,
विनती ये सुनता है हर दुखी मन की,
जो शरण साईं की आ जाए,
हर भक्त की चिंता ताले,
मुक्ति द्वार की राह दिखा कर भेद मिटाए सबके,
साईं योगी बेठता है धुनी रमा के,
द्वारका माई में बेठा डेरा लगा के,
तानु जो साईं नाम जपे भव सागर उसको तारे
मुक्ति द्वार की राह दिखा कर भेद मिटाए सबके,