तेरा ही साई जोग लिया है प्रेम का तेरे रोग लिया है,
साई मुझको पास भुलाले,साई मुझको अपना बना ले,
मैं तो ना जाऊ किस दर पे तू भुला ले भुला ले,
मेरे साई तू शिरडी भुला ले
मेरी फर्याद है दिल ये बर्बाद है,
गम से टुटा हुआ हु मैं साई
चूर सपनो से हु दूर अपनों से हु,
सबसे छूटा हुआ हु मैं साई,
अपना दुःख मैं किसको बताओ,
तेरे सिवा मैं किसको सुनाऊ ,
मैं तो ना जाओ किस दर पे,
तू भुला ले भुला ले,
मेरे साई तू शिरडी भुला ले
तू ही आँखों में है तू ही सांसो में है,
तू ही रग रग में मेरी समाया,
याद तेरी करू और आहे भ्रू इक पल मुझ्को चैन ना आया,
तेरी छवि को घर में सजाउ,
आंख खुले तो तुझको ही पाउ,
मैं तो ना जाओ किस दर पे,
तू भुला ले भुला ले,
मेरे साई तू शिरडी भुला ले
बस तेरा ध्यान है मेरा अरमान है,
मैं तेरे दर पे जीवन बिताओ,
मैं जियु या मरू तेरी सेवा करू लौट के तेरे दर से ना आउ,
केहनी पे मजबूर हु साई तुझसे बहुत मैं दूर हु मैं साई,
मैं तो ना जाओ किस दर पे,
तू भुला ले भुला ले,
मेरे साई तू शिरडी भुला ले