साई तूने सबको सौगात दे दी,
दिन के साथ तूने इक रात दे दी साथ साथ देदी,
तूने सूरज में भरती है रोशनी तू ने चंदा को दे दी है चांदनी,
रात आराम को दिन दिया काम को,
तूने कैसे अनोखी कायनात दे दी,
दिन के साथ तूने इक रात दे दी साथ साथ देदी,
तूने मौसम की गाड़ी चलाई,
चारो ऋतुओं से धरती सजाई,
कभी गर्मी मिले कभी सर्दी चले,
कभी पत्झग का मीह बरसात दे दी,
दिन के साथ तूने इक रात दे दी साथ साथ देदी,
तूने अम्बर ये धरती बनाये सागर पर्वत नदी है सजाये,
प्यारे फुलो के रंग पंशियो की उमंग जीवन जीने की प्यारी करा मात देदी,
दिन के साथ तूने इक रात दे दी साथ साथ देदी,
तुझे हर कोई अपना ही माने तेरी लीला को कोई ना जाने,
काम करता वली संग सबके चले तूने हर बात में अपनी बात देदी,
दिन के साथ तूने इक रात दे दी साथ साथ देदी,