कलयुग के अवतार हैं साईं

कलयुग के अवतार हैं साईं जग के पालनहारे,
उनकी लाज को रखते है साई आये जो उनके द्वारे,
कलयुग के अवतार हैं साईं

सचे मन से साईं नाथ को जिसने भी पुकारा है,
मिल कर उसको पल भल में साईं जी का सहारा,
मन वंचित फल उसने पाया जिसने शरदा से शीश निभाया,
कलयुग के अवतार हैं साईं....

दुःख दर्दो को साईं नाथ जी अपनी किरपा से हरते है,
रंक को बनाये राजा पल भर में एसे भंडारे भरते है,
तू भी अपने कष्ट मिटा ले साईं जी की किरपा पा ले,
कलयुग के अवतार हैं साईं........

सब का मालिक इक यहाँ पर साईं ने ये बतलाया है,
सब ने इक समान यहा पर इनके दर्श को पाया है,
साईं नाम की ज्योत जला ले फूटी किस्मत को तू बना ले,
कलयुग के अवतार हैं साईं.........
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