क्या क्या कमाया हमने आओ हिसाब करले,
दुनिया की बात छोड़े अपनी किताब पढ़ ले,
कितनो का दिल दुखाया कितनो के दिल को तोडा,
कितनो का प्यार पाया कितनो को खुद से जोड़ा,
क्या क्या गवाया हमने आओ हिसाब करले,
क्या क्या कमाया हमने.....
कितनी करी है सेवा कितना करा दिखावा,
कितना छला जगत को बन कर के एक छलावा,
कैसे बिताया जीवन औ हिसाब करले,
क्या क्या कमाया हमने...
कितना फर्ज निभाया कितना किया कर्म है,
अब तक क्या हमने जाना अपना भी क्या धर्म है,
कैसे निभाया रिश्ता आओ हिसाब करले,
क्या क्या कमाया हमने.....
हम जगे रण में जागे ज्योति सदा जलाई,
जैकार खूब बोले नाचे कमर हिलाई,
कितना जगाया मन को रोमी हिसाब करले,
क्या क्या कमाया हमने