आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन

आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन,

दर्ष्टि में तेरी खोट है, दुनिया निहारले ,
गुरु ज्ञान अंजन  सारलो बस हो गया भजन,

दुनिया तुम्हे बुरा कहे, पर तुम करो क्षमा,
वाणी को भी संवार लो बस हो गया भजन

विषयों की तेज आग में जलता ही जा रहा ,
मन की तरंग मारलो बस हो गया भजन

रिस्तो से मोह त्यागलो कृष्णा से प्रेम करो ,
इतना ही मन में विचार लो बस हो गया भजन

जाना है सबको एक दिन इन सबको त्याग कर ,
जीवन को तुम सँवारलो बस हो गया भजन,
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