दीनन दुखहरण देव
संतन हितकारी
अजामिल गीध ब्याध इनमें कहो कौन साध
पंछिन को पद पढात गणिका सी तारी
दीनन दुखहरण देव संतन हितकारी
ध्रुव केसर क्षत्र देत प्रहलाद को उबार लेत
भक्त हेतु बांध्यो सेतू लंकपुरी जारी
दीनन दुखहरण देव संतन हितकारी
इतने हरि आइ गए बसनन आरुण भए
सूरदास द्वारे ठाडो आंधरो भिखारी
दीनन दुखहरण देव संतन हितकारी