नील कंठ के दर्शन करता कावड़ियों का टोला,
बम बम बोल रहा भोला,
देख नजारा हरिद्वार का भगतो का मन डोला,
बम बम बोल रहा भोला
यहाँ मेले में जो आता है,गंगा में डूबकी लगता है,
गंगा नहाओ पाप छुड़ाओ पापी रथ ने बोला
बम बम बोल रहा भोला
मनसा मियां की शक्ति में और चंडी माँ की भगति में,
भोले नाथ को शीश झुका के रंगा लिया है चोला,
बम बम बोल रहा भोला
बम भोले नाथ रिझाने को जल नील कंठ में चढ़ाने को,
मंदिर मंदिर घूम रहे खाये भांग का गोला,
बम बम बोल रहा भोला
सिर पे कमल सिंह हाथ सदा दुःख हरता भोले नाथ सदा,
अरे भोले भगति में शर्मा काटा न इक टोला,
बम बम बोल रहा भोला