मैया जी मेरे मन मंदिर में रहियो

मोरी खपर वाली कलिका मैया,
हो रही जय जय कार,
मैया जी मेरे मन मंदिर में रहियो

रन भूमि के कालका मइयाँ,
खपर लेके हाथ में मइयाँ,
कडग धार से मार रही है असुरो को संगार रही है,
खप्पर वाली माँ कहलाये मोहरी कलिका मइयाँ,
मैया जी मेरे मन मंदिर में रहियो ......

रक्त बीज वर्धनी मइयाँ,
एक से इकीस होती मईया,
इक भी खून की बून्द गिरे तो दानव दल बढ़ जाये मइयाँ,
खून की बून्द गिरे न जमीन पर खप्पर में भर लइयो,
मैया जी मेरे मन मंदिर में रहियो  

मुख से ज्वाला माता भपकाइ,
मुंडो की माला लटकाये,
क्रोध को माँ का शांत न होवे,
महादेव जब राह में सोये,
पैर धरा जब शिव शाति पर जग पे किरपा करियो,
मैया जी मेरे मन मंदिर में रहियो

खप्पर वाली कलिका मईया जिसपे किरपा तेरी हो मइयाँ,
डूबे कभी न उसकी नइयाँ कलिका मङ्गल यश तोरे गाये भाव से पार लगाइयो,
मैया जी मेरे मन मंदिर में रहियो
download bhajan lyrics (918 downloads)