तेरी किरपा से एह माता रानी काम बिगड़े मेरे बन रहे है,
जब से तूने नजरियां है डाली खाली भंडारे भर रहे है,
तेरी किरपा से एह माता रानी
देख कर सामने दुःख तू अपने काहे गबराये इतना प्यारे,
उनके संकट मिटे माँ शरण में पूजा शरदा से जो कर रहे है,
तेरी किरपा से एह माता रानी..
खाली वो भी न लौटा यहाँ ये फूटी किस्मत है जो लाया,
सब अबागो की माँ की दया से भाग्ये दरबार में जग रहे है,
तेरी किरपा से एह माता रानी....
अटकी भव सागर में जो नइयाँ काहे गबराये माँ जब खवइयाँ,
नाम लेके माँ शार्दुल और सूरये लख चौरासी तर रहे है,
तेरी किरपा से एह माता रानी.......