नन्द गांव दा कृष्ण कन्हियाँ रासा पावे यमुना ते देखो चल के,
ग्वाल बाला नु ओ मखन खवावे,
गोपाल नन्द लाल संवारा चोरी करके,
मधुवन विच रास रचावे,
मुरली दी तान उते प्यार शलके,
इन्दर देवता दा मान मिटाया उठा के गोवर्धन नु,
ची ची धरके
ब्रिज धाम दे लसियां पेड़े,
सवाद सब याद करदे देखो चख के,
वृद्धावन दा ओ बांके बिहारी मधुप हरिदास लाडला,
जावा सदके,