साई के दर पे आकर,कमली बना दीवाना,
साई राम साई श्याम,
गुरुवार कहे ज़माना,
साई के दर पे आकर,कमली बना दीवाना,
तू जगाने जग को आया,
एह बताने जग को आया,
एक ही है सब का मालिक शिरडी बना ठिकाना,
साई के दर पे आकर,कमली बना दीवाना,
तू है देव वरकतो का इक सहारा भक्तो का,
आये न गम का योका साई संध्या में आना,
साई के दर पे आकर,कमली बना दीवाना,
कुछ चाहिए कभी तो तेरे और देखता हु,
मेरे मांगे से पहले मिल जाये साई दाना,
साई के दर पे आकर,कमली बना दीवाना,