वो भी नहीं और हर जा हो,
साई बाबा दर्शन दो,
आप छुपते नहीं और सामने आते भी नहीं,
कितनो को तुमने नवाजा ये बताते भी नहीं,
तेरी रेहमत का तलब दार हु मैं,
तुहानी और गुनहगार हु मैं,
मुझको भी शिरडी दिखला दो,
साई बाबा दर्शन दो.........
कभी रेहमान कभी राम नजर आते हो,
कही ईसा कही नानक तुम ही कहलाते हो,
आ रही है तेरी खुस्भू भी इन हवाओ में,
गूंजते है तेरे जयकारे हर दिशाओ में,
साबित करदो तुम ही हो,
साई बाबा दर्शन दो...........
तुम को इतना करीब पाता हु,
जितना पाता हु डूभ जाता हु,
आप ही आप अश्क बहते है,
आप ही आप मुस्कुराता हु,
मुझपे भी रेहमत बरसादो,
साई बाबा दर्शन दो,