पग घुंघरू बाँध मीरा नाची रे,
मैं तो अपने नारायण की आप ही होगी दासी रे,
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची रे,
नाम कहे मीरा बये बनवारी,
नन्द कहे कुल दासी रे,
मैं तो अपने नारायण की आप ही हो गई दासी रे,
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची रे,
इश्क रंग राना जी खेलेया
इमख देख मीरा हासी रे,
मैं तो अपने नारायण की आप ही हो गई दासी रे,
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची रे,