वेद शास्त्र ढुंढ लिए एक ओम बराबर ना कौन्या
श्रवण जैसा पुत जगत में कोशल्या सी मां कौन्या
कोन्या ताल सरोवर जैसा,गंगा जैसा नीर नही,
परशुराम सा फरसा कोन्या, चाणक्य सा वजीर नहीं
सीता जैसी सती नहीं और लक्ष्मण सी लकीर नहीं
नन्द बाबा सा भक्त नहीं और कामधेनु सी गां कोना.....
श्रवण जैसा
कृष्ण जैसा योगी ना और रावण सा अभियान नहीं
कितना घमंड करो चाहे पर नारद जितना ज्ञान नहीं
दयानंद सा इस दुनिया में वेदों का विद्वान नहीं
लाख तिजोरी भरी हो धन की,कर्ण जैसा धनवान नहीं
दुर्योधन सी ना नहीं और हरिश्चंद्र सी हां कोन्या....
श्रवण जैसा पुत
हिंदी जैसी नहीं पढाई भारत जैसा देश नहीं
झुठ बराबर पाप नहीं और खादी जैसा भेष नहीं
छाती के मां घा करते ऐसा बोल बराबर ठेस नहीं
सास बराबर संग नहीं और खुन बराबर व्देष नहीं
हनुमान सी गंदा नहीं नहीं और अंगद जैसा पांह कोन्या....
श्रवण जैसा पुत जगत में
सुरज जैसा तेज जगत में चंदा सा प्रकाश नहीं
गौतम जैसा नहीं महात्मा,मछली जैसा वास नहीं
महाराणा प्रताप सरीखा और बहादुर खास नहीं
दूजा अब तक नहीं मात नें कौय जाम्या वीर सुभाष नही
भीम बली सी ताकत ना, श्री लखमीचंद सा गा कौन्या
श्रवण जैसा पुत जगत में कौशल्या जैसी मां कौन्या