मिल गए जो आप भगवन हमें,
खुशीयो से भरा जहां मिला,
है पाँव नहीं धरती पर उड़ने को खुला आसमान मिला,
मिल गए जो आप भगवन हमें,
रूहानी रंग में रंगे हुये हम पंख सुनहरे पाए है,
सारे जग के कष्ट मिटने को धरती पर फ़रिश्ते आये है,
तारो के भी पार अपने वतन में,
चलने का पथ आसान मिला,
है पाँव नहीं धरती पर उड़ने को खुला आसमान मिला,
मिल गए जो आप भगवन हमें,
तेरी मीठी मीठी तान सुनी तब ज्ञान की मीठी बातो में,
झर झर झरते सुख के झरने प्रभु याद की इन बरसातों में,
फल गये है पुण्य जन्मो जन्म के,
कल्याण का है वरदान मिला,
है पाँव नहीं धरती पर उड़ने को खुला आसमान मिला,
मिल गए जो आप भगवन हमें,