हे शिरडी वाले मेरे साई नाथ सबका मालिक है जग में तू,
नैनो में शरधा मन में है सबुरी जीवन भी अर्पण करदु,
हे शिरडी वाले मेरे साई नाथ सबका मालिक है जग में तू,
जग का स्वामी है अंतर यामी है मेरे जीवन की अनमित कहानी है तू,
तेरी शक्ति अपार तेरा पावन है दवार तेरा पूजा मेरा जीवन आधार,
भूल तेरे चरणों की लेकर जीवन को साकार किया,
हे शिरडी वाले मेरे साई नाथ सबका मालिक है जग में तू,
मन में है कामना और कुछ जानू न ज़िंदगी भर करू तेरी आराधन,
सुख की पेहचान दे तू मुझे ज्ञान दे प्रेम सब से करू ऐसा वरदान दे,
तूने दिया बल निर्धन को अज्ञानी को ज्ञान दिया,
हे शिरडी वाले मेरे साई नाथ सबका मालिक है जग में तू,