गोमाता की सेवा करना हर हिन्दू का कर्म है,
गोमाता की रक्षा करना हर हिन्दू का धर्म है,
सूखे तिनके खाकर भी जो दूध सभीको देती है,
शाकाहारी मूक बेचारी जो दे दो खा लेती है,
बछडोंका हमें दूध पिलाती ये दिलकी कितनी नर्म है,
बूढी और लाचारी गैया निशदिन काटी जाती है,
जीवन भर अमृत पिलवाती कैसी गति वो पाती है
भारत हिन्दू देशमे होता ये कैसा अधर्म है,
हिन्दू एकता और शक्ति का गोमाता ही प्रतिक है,
राष्ट्र चिन्ह इसको बनवाओ बात ये बिलकुल ठीक है,
खून हमाराभी ठण्डा नहीं बतला दो ये गर्म है,
हर नगर गाँव और देशमे गोशालाये बनवाओ,
हिन्दुओ की माताओको खुले आम ना कटवाओ
जागो हिन्दू भाई बहनो बची अगर कुछ शर्म है,