सारे जग से हार कर मैं तेरी शरण में आया,
मैं हु शरण में तेरी तू दे अब सहारा,
किस्मत का मारा हु सँवारे भकत से हारा हु सँवारे,
अच्छा किया या बुरा किया हासिल हुआ न कुछ सँवारे,
मझधार में फसा हु दिखला मुझे किनारा,
सारे जग से हार कर मैं तेरी शरण में आया,
आंसू नहीं ये मेरा दर्द है मैंने सुना तू हमदर्द है,
मैं भी तो बालक तेरा ही हु मेरा दर्द भी तो तेरा दर्द है,
तो भी नहीं सुनेगा तो बता कौन है हमारा,
सारे जग से हार कर मैं तेरी शरण में आया,
दिल की सुना दी मैंने तुझे किरपा दो अपनी बाबा मुझे,
ऐसी मेहर अब कर दो प्रभु हरष निवाल ना भूले तुझे,
मेरी अर्जी तेरी मर्जी तेरे चरणों में सिर हमारा,
सारे जग से हार कर मैं तेरी शरण में आया,