जो मैं होता नीम का पेड़,
तुझको छाया करता मैं,
तू जो सो जाता तो साईं तुझको तकता रहता मैं,
जो मैं होता नीम का पेड़..
तुझको तकते तकते साईं तुझमे ही खो जाता मैं,
तेरी किरपा की ठंडी छाया में खुद सो जाता मैं,
तेरे चरणों में शीतल जल बनके बहता रहता मैं,
तू जो सो जाता साईं तुझको तकता रहता मैं,
जो मैं होता नीम का पेड़.......
तेरा ध्यान लगाऊ साईं तेरी इबादत करू सदा,
तू न बिछड़ जाये कही इसी बात से डरु सदा,
तुझको देख देख हर गम को हस्ते हस्ते सहता मैं,
तू जो सो जाता साईं तुझको तकता रहता मैं,
जो मैं होता नीम का पेड़.....
आंख में साईं तेरा चेहरा होठो पे साईं नाम,
तेरे नाम की माला फेरु और नही कोई काम मेरा,
साईं रब है साईं खुदा है सबसे कहता रहता मैं,
तू जो सो जाता साईं तुझको तकता रहता मैं,
जो मैं होता नीम का पेड़,