सोचो तो पत्थर है मानो तो तुम भगवान,
अपने अपने ढंग से कर लो तुम सबका समान
करो रे राम इलाही ना दो इक दूज दुहाई
हर जर रे में पाया नूर तेरा डूब जाओ रोशन साईं नाम से
दाना पानी सब तुजसे ही पाए
लड़ते फिर क्यों मानुष तेरे नाम से
भीतर साईं मान ले सब में साईं जान
सोचो तो पत्थर है मानो तो तुम भगवान,
इक भाग के फूल सभी है साईं
इन भागो का तू रखवाला साईं
तेरे कर्म पे मेहके फूल सारे
माया मोह में मेहके है ये सारे
साईं ज्ञान ही एक उजाला दूर करे अज्ञान